विज्ञान भैरव तंत्र - विधि 78
[ "जहां कहीं भी तुम्हारा अवधान उतरे , उसी बिंदु पर , अनुभव ." ]
तुम कार में या रेलगाड़ी में यात्रा कर रहे हो , वहीं अवधान को बढ़ाने का प्रयोग करो . समय मत गंवाओ . तुम आधा घंटा कार या रेलगाड़ी में रहने वाले हो ; वहीं अवधान साधो . बस वहां होओ , विचार मत करो . किसी व्यक्ति को देखो , रेलगाड़ी को देखो या बाहर देखो , पर दृष्टा रहो . विचार मत करो ; वहां होओ और देखो . तुम्हारी दृष्टि सीधी , प्रत्यक्ष और गहरी हो जाएगी . और सब तरह से तुम्हारी दृष्टि वापस लौटने लगेगी और तुम दृष्टा के प्रति बोध से भर जाओगे .
तुम कार में या रेलगाड़ी में यात्रा कर रहे हो , वहीं अवधान को बढ़ाने का प्रयोग करो . समय मत गंवाओ . तुम आधा घंटा कार या रेलगाड़ी में रहने वाले हो ; वहीं अवधान साधो . बस वहां होओ , विचार मत करो . किसी व्यक्ति को देखो , रेलगाड़ी को देखो या बाहर देखो , पर दृष्टा रहो . विचार मत करो ; वहां होओ और देखो . तुम्हारी दृष्टि सीधी , प्रत्यक्ष और गहरी हो जाएगी . और सब तरह से तुम्हारी दृष्टि वापस लौटने लगेगी और तुम दृष्टा के प्रति बोध से भर जाओगे .
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