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    Osho Hindi Pdf- Agyat Ki Or अज्ञात की ओर

    Osho Hindi Pdf- Agyat Ki Or अज्ञात की ओर

    अज्ञात की ओर

    अज्ञात की ओर 4
    अज्ञात की ओर 
    चौथा प्रवचन 
    सूरत 29 जून 1967 संध्या 
    नीति का पाखंड

    मैं अत्यंत आनंदित हं कि आपसे संध्या अपने हृदय की थोड़ी सी बातें कर सकूँगा। अभी कहा गया कि यह समय अंधकार पूर्ण है और यह युग पतन का भौतिकवाद का और मेटेरियलिज्म का है। सबसे पहले मैं आपको मैं निवेदन कर दूं, यह बात अत्यंत गलत है। यह बात झूठी है। इस बात से यह भ्रम पैदा होता है कि पहले के लोग प्रकाशपूर्ण थे और । आज के लोग अंधकारपूर्ण हैं। इससे यह भ्रम पैदा होता है कि पहले कि लोग अंधकार में नहीं थे और हम अंधकार में हैं। इस भ्रम के पैदा हो जाने के कुछ कारण हैं लेकिन यह बात सच नहीं है। हम अनैतिक हैं हम मारल हैं और पहले के लोग नैतिक थे यह बात भी। ठीक नहीं है।

    अगर पहले के लोग नैतिक थे तो महावीर ने किसको समझाया कि हिंसा मत करो, चोरी मत करो, असत्य मत बोलो। बुद्ध ने किसको उपदेश दिए। राम और कृष्ण किन लोगों को समझा रहे थे अच्छा होने के लिए? अगर लोग अच्छे थे तो ये उपदेश व्यर्थ थे, झूठे थे। इनकी कोई जरूरत न थी। ये दुनिया में, पुरानी सदियों में इतने-इतने बड़े शिक्षक हुए ये क्यों पैदा हुए?

    ___जहां अंधेरा होता है वहां दीयों की जरूरत पड़ती है। जहां भूलें होती हैं,वहां शिक्षक __ पैदा होते हैं। जहां गल्तियां होती हैं वहां सुधारक का जन्म होता है। अगर पिछली सदियों में
    इतने बड़े सुधारक दुनिया में पैदा हुए यह किस बात का सबूत है? यह इस बात का सबूत है, उस दिन के लोग भी हमारे जैसे लोग थे जैसे हम हैं वैसे वे लोग थे। वे भी चोरी करते थे और वे भी बेईमान थे और वे भी हिंसा करते थे और युद्ध करते थे। अगर वे बेईमान नहीं थे तो ईमानदारी की शिक्षाएं किसके लिए थीं? अगर वे चोर नहीं थे तो चोरी न करने की बातें किसको समझाई जा रही थीं? वे हम जैसे ही लोग थे आदमी में कोई फर्क नहीं
    तो मैं आपसे कहना चाहूंगा, ये सदी अंधकार में है इससे यह मतलब न लें कि पहले के लोग प्रकाश में थे। आदमी आज तक अंधकार में ही रहा है। यह भ्रम इसलिए पैदा होता है कि पहले के लोग अच्छे थे। इसके भ्रम के पैदा होने के पीछे कोई कारण है वह यह है, हम सारे लोग अभी जमीन पर हैं। हजार साल बाद हमारी याद करने वाला कौन होगा? कोई भी नहीं। लेकिन गांधी याद रह जाएगें, हम सारे लोग के नाम भूल जाएगें, हम सारे लोगो के..............


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