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    संवेदनशीलता बढ़ाने का प्रयोग - ओशो

    Sensitivity Enhancement - Osho


     संवेदनशीलता बढ़ाने का प्रयोग - ओशो 

    कभी आरामकुर्सी पर बैठकर ही अनुभव करें कि कितनी संवेदनाएं घट रही हैं—कुर्सी पर आपके शरीर का दबाव। कुर्सी से आपका स्पर्श। जमीन पर रखे आपके पैर। हवा का झोंका जो आपको छू रहा है। फूलों की गंध जो खिड़की से भीतर आ गई है। रसोई में बर्तनों की आवाज। बनते हुए भोजन की गंध जो आपके नासापुटों में भर गयी है। छोटे बच्चे की किलकारी छूती है और आह्लादित कर जाती है। किसी का चीत्कार, किसी का रोना जो आपको कंपित कर जाता है।...अगर कोई रोज पंद्रह मिनट चुप बैठकर अपने चारों तरफ की संवेदनाओं का अनुभव करे, तो भी बड़े गहरे ध्यान को उपलब्ध होने लगेगा।

     - ओशो 

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