• Latest Posts

    हिप्नोटिक ढंग से गयी शांति चूंकि झूठी है - ओशो


    Since-hypnotic-peace-is-false-Osho


    हिप्नोटिक ढंग से गयी शांति चूंकि झूठी है - ओशो 


    प्रश्नः हिप्नोसिस से जो शांति मिलती है, उससे खुश हो जाते है कि नहीं ?

    कितने दिन ? तीन महीने से ज्यादा नहीं, छह महीने से ज्यादा नहीं। छह महीने बाद उनमें से एक आदमी लौटा लाएं। छह महीने बाद दूसरे आ जाएंगे, वह दूसरी बात है। छह महीने से ज्यादा नहीं, क्योंकि हिप्नोटिक जो शांति है, वह रूटीन हो जाती है। अगर होने लगी है आपको तो दो महीने के बाद प्रभाव जाता रहता है। रूटीन हो गयी कि व्यर्थ हो जाती है । फिर गया वह, फिर उसको कोई मतलब न रहा । वह ट्रिक हो गयी और आपको पता हो गया कि बैठ कर ऐसा राम-राम जपने से थोड़ा मन शांत हो जाता है, अब वह रोज होने लगा। पहले दिन आता तो अच्छा लगा, दूसरे दिन कम अच्छा लगा, तीसरे दिन कम और चौथे दिन और कम । पच्चीस दिन कोई फिल्म देख लें तो वह बेकार हो गई, ऐसे ही ये भीतर तीन महीने बाद बेकार हो जाने वाला है।

    इसलिए होता क्या है? असल में तीन महीने बाद वह खिसक जाएगा, फिर दूसरा कोई हाथ पड़ जाएगा। और दुनिया इतनी बड़ी है, इसलिए कहीं पता चल नहीं पाता इस बात का ठीक-ठीक कि किसको हो गया। वह होने का मामला नहीं है। जो चला गया, वह चला गया। दूसरा अब गया है, अब वही बात उसको होने लगी है।

    मेरा कहना यह है कि हिप्नोटिक ढंग से गयी शांति चूंकि झूठी है, इसलिए बहुत जल्दी उसका मुलम्मा उतर जाता है। वह तो तीन-चार महीने में खत्म हो जाती है, उसके बाद फिर आप वहीं के वहीं खड़े हैं। अब आप फिर नया गुरु खोजेंगे। तब भी आपको यह खयाल में न आएगा कि गुरु खोजने में ही गड़बड़ है । इसको छोड़ कर उसके पास चलें, इससे कुछ नहीं थमा। तब एक आश्रम से दूसरे आश्रम आता है, तीसरे जाता है – एक गुरु, दूसरा गुरु, तीसरा गुरु बदलता रहता है। और हर गुरु उसको टेक्नीक बता देता है । उसको लगता है कि टेक्नीक ही गलत है, लेकिन यह खयाल में नहीं आता है कि उसमें कुछ गड़बड़ होगी। मगर यह ध्यान में नहीं रहता है। कोई तरकीब होगी कि उस तक पहुंचा जा सके।

    अच्छा हुआ, गुरु पर बातचीत अच्छी हुई। ऐसे चार छह किस्म की बात की जरूरत है। चार छह दिन में और तरफ देखेंगे, एक दिन में तो यह सब मुश्किल हो जाता है न!

     - ओशो 

    No comments