Osho Hindi Pdf- Phir Amrit Ki Bund Padi फिर अमृत की बूंद पड़ी
फिर अमृत की बूंद पड़ी
मैं स्वतंत्र आदमी हूं बड़े दुख भरे हृदय से मुझे आपको बताना है कि आज हमारे पास जो आदमी है, वह इस योग्य नहीं है कि उसके लिए लड़ा जाए। टूटे हुए सपनों, ध्वस्त कल्पनाओं और विखी हुई आशाओं के साथ मैं वापस लौटा हूं। जो मैंने देखा वह एक वास्तविकता है, और अपने पूरे जीवन भर जो कुछ मैं मनुष्य के विषय में सोचता रहा, वह केवल उसका मुखौटा था। मैं आपको थोड़े से उदाहरण दूंगा, क्योंकि यदि मैं अपनी पूरी विश्व यात्रा का वर्णन सुनाने लगू तो इसमें करीब-करीब एक माह लग जाएगा।
सलिए कुछ महत्वपूर्ण बातें ही आपसे कहूंगा, जो कुछ संकेत दे सकें। मुझसे पहले, पूरब से विवेकानंद, रामतीर्थ, कृष्णमूर्ति तथा सैकड़ों अन्य लोग दुनिय । भर में गए हैं लेकिन उनमें से एक भी व्यक्ति पूरे विश्व द्वारा इस भांति निदित नहीं किया गया जिस भांति मैं निंदित किया गया हूं; क्योंकि उन सभी ने राजनीति ज्ञों जैसा व्यवहार किया। जब वे किसी ईसाई देश में होते तो ईसाइयत वी प्रशंसा करते और मुस्लिम देश में वे इस्लाम वी प्रशंसा करते। स्वभावत: किसी ईसाई दे श में यदि पूरब का कोई आदमी, जो कि ईसाई नहीं है, ईसा मसीह वी गौतम बु द्ध की तरह प्रशंसा करता है तो ईसाई प्रसन्न होते हैं, अत्यंत प्रसन्न होते हैं। और इनमें से एक भी व्यक्ति ने पश्चिम के एक भी ईसाई को पूरब के जीवन दर्शन में, पूरब की जीवन-शैली में नहीं बदला। इसी दौरान पश्चिम से ईसाई मिशनरी यहां आते रहे और लाखों लोगों को ईसाई बनाते रहे। शायद मैं पहला अकेला व्यक्ति हूं जिसने हजारों युवा शिक्षित, बुद्धिमान पश्चिमी लोगों को पूर्वी चिंतन और शैली में दीक्षित किया। और इससे पश्चिमी धार्मिक व राजनीतिक न्यस्त स्वार्थों को इस कदर धक्का लगा जो अविश्वसनीय है। यदि मैंने स्वयं इसका अनुभव न किया होता तो मैंने भी इस बात पर भरोसा नहीं किया हो ता।
सभी यूरोपीय देशों की एक संसद है, उस संसद ने यह निर्णय लिया है कि मेरा व युयान यूरोप के किसी हवाई अड्डे पर नहीं उतर सकता। उनके देशों में मेरे प्रवेश का तो अब प्रश्न ही नहीं उठता। यहां तक कि उनके हवाई अड्डों पर ईंधन के ि लए भी मेरा वायुयान नहीं उतर सकता और इसका कारण यह बताया गया कि मैं एक खतरनाक आदमी हूं। मुझे यह तर्क समझ में नहीं आता कि वायुयान के लए ईंधन लेने के 15 मिनट के भीतर मैं किसी को क्या खतरा पहुंचा सकता हूं। मैं रात के 11 बजे इंग्लैण्ड पहुंचा, पायलट के काम का समय पूरा हो चुका था , और उसे 12 घण्टे के लिए विश्राम करना था। फिर भी वे मुझे हवाई अड्डे पर वि श्राम करने की भी अनुमति नहीं दे रहे थे। मैंने उन्हें बताया कि हवाई अड्डे ............
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