पृथ्वी पर लोग fत्रशंकू की भांति है - ओशो
पृथ्वी पर लोग fत्रशंकू की भांति है - ओशो
पृथ्वी पर जो लोग हैं वे दोनों के बीच में हैं। न तो नर्क में हैं और न स्वर्ग में | वे f त्रशंकू की भांति है। शुभ-अशुभ दोनों में डोलते रहते हैं। सुबह देवता, घंटे भर बाद शैतान। घंटे भर वाद फिर देखो मुस्कुरा रहे हैं, अच्छे भले आदमी मालूम पड़ते हैं। और थोड़ी देर बाद किसी की गर्दन काट सकते हैं। पृथ्वी पर जो हैं, मध्य लोक जि सको ज्ञानियों ने कहा है, वे स्वर्ग और नर्क के बीच डोलते रहते हैं। एक पैर नर्क में और एक पैर स्वर्ग में कहीं भी नहीं हैं वे| उनका होना नहीं है। इसलिए तो तुम्हें पता नहीं चलता कि तुम कौन हो? नर्क में ठीक पता चलता है लोगों को, कि कौन हैं। स्वर्ग में भी ठीक पता चलता है। कि कौन हैं। क्योंकि एक ही नाव पर सवार हैं.
- ओशो
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