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    Osho Hindi Pdf- Ka Sove Din Rain का सौवें दिन रैन

    Osho Hindi Pdf- Ka Sove Din Rain

    का सौवें दिन रैन


    श्रद्धा कभी निष्फल नहीं गई है। और अगर निष्फल गई हो, तो जानना नपुंसक थी। रही ही न होगी। ऊपर-ऊपर थी, झूठी थी, थोथी थी। विश्वास रहा होगा, श्रद्धा न रही होगी। विश्वास और श्रद्धा का वही भेद है। विश्वास का अर्थ होता है--मान लिया | कौन झंझट करे न मानने की, इसलिए मान लिया। लोग कहते हैं, ईश्वर है। अब कौन विवाद करे, किसको फुरसत पड़ी है विवाद करने की? समय किसके पास है? व्यर्थ की बातों में पड़ने के लिए
    और व्यर्थ की बातों में समय गंवाने के लिए सुविधा किसके पास है? चलो लोग कहते हैं कि ईश्वर है, तो होगा; हम भी विश्वास कर लेते हैं। जब इतने लोग कहते हैं तो ठीक ही कहते होंगे।

    विश्वास उधार है, झूठा है, बेईमान है। 
    श्रद्धा का अर्थ होता है, दुनिया कहती हो कि ईश्वर नहीं है, सारी दुनिया कहती हो कि ईश्वर न कभी था न कभी होगा, सब झूठ है, सब कल्पना है, सब अफीम का नशा है, सब मनगढंत है, सब चालबाजों की ईजाद है, सब धोखाधड़ी है, सब पाखंड है-- सारी दुनिया कहती हो, तब भी श्रद्धा नहीं कंपती। श्रद्धा कहती है : मैं तलाशें, मैं खोजूं। उठो कि शब में जमाले-सहर तलाश करें! रात दिखाई पड़ रही है, सुबह का कुछ पता नहीं है। और तुमने देखा, सुबह जैसे-जैसे करीब आती है, रात और गहन और घनी होती जाती है। सुबह होने के ठीक पहले रात सबसे ज्यादा अंधेरी हो जाती है।

    उठो कि शब में जमाले-सहर तलाश करें
    हुजूमे-खार में गुलहाएतर तलाश करें 

    कांटों की झाड़ी में खोजने जाओगे, चुभेंगे कांटे, हाथ लहू-लुहान भी होंगे। फूल इतनी आसानी से न तो दिखाई पड़ते हैं और न मिलते हैं। फूल उनके हैं, जो खोजते हैं। फूल कीमत मांगते हैं और सबसे बड़ी कीमत श्रद्धा है। श्रद्धा का अर्थ होता है जो मुझे नहीं दिखाई पड़ता, उस पर भी मेरे भीतर, कोई अंतरम में कोई कह रहा है--कि है, खोजो, मिलेगा। यही कहीं होगा। होना ही चाहिए। 

    श्रद्धा का अर्थ है प्यास है तो जलधार होनी ही चाहिए। जब मेरे भीतर परमात्मा को पाने की आकांक्षा है तो परमात्मा होना ही चाहिए। क्योंकि बिना परमात्मा के हुए, इस आकांक्षा का कोई स्रोत नहीं हो सकता था। इस अस्तित्व में ऐसा है ही नहीं कि प्यास हो और पानी न हो; भूख हो और भोजन न हो। भूख के पहले भोजन निर्मित हो जाता है। देखते हैं, मां के गर्भ में बच्चा आता है, और स्तन दूध से भर जाते हैं। अभी बच्चा आया भी नहीं है। अभी बच्चे के आने में देर है। लेकिन स्तन तैयार होने लगे, दूध से भरने लगे। कोई अपूर्व शक्ति, कोई छिपे हाथ, स्तन तैयार करने लगे--बच्चा आएगा! अभी बच्चा ही नहीं आया, अभी बच्चे की भूख का तो सवाल ही नहीं है। लेकिन भूख के बहुत पहले, दूध की धार निर्मित होने लगी।


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