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    Osho Hindi Pdf- Shunya Samadhi शून्य समाधि

    Osho Hindi Pdf- Shunya Samadhi

    शून्य समाधि

    मान्यताओं से मुक्ति मेरे प्रिय आत्मन, जैसे अंधेर में कोई अचानक दिया जला दे और जहां कुछ भी दिखाई न पड़ता हो व हां सभी कुछ दिखाई पड़ने लगे, ऐसे ही जीवन के अंधकार में समाधि का दीया है। या जैसे किसी मरुस्थल में वर्षों न हुई हो, धरती के प्राण प्यास से तड़पते हों, और फिर अचानक मेघ घिर जाए और वर्षा वी बूंदें पड़ने लगें-इससे उस मरुस्थल के म न में जैसी शांति और जैसा आनंद नाच , वैसे ही जीवन के मरुस्थल के मन में । समाधि वी वर्षा है। या जैसे कोई मरा हुआ अचानक जीवित हो जाए, और जहां श्वास न चलती हो, व हां श्वास चलने लगे। 

    जहां आंखें न खुलती हों, वहां आंखें खुल जाए। और जहां जीवन तिरोहित हो गया था, वहीं वापिस उसके पदचाप सुनाई पड़ने लगे, ऐसा ही मरे हए जीवन में समाधि का आगमन है। समाधि से ज्यादा महत्वपूर्ण जीवन में कुछ भी नहीं है। समाधि के बिना न तो कोई आनंदित मिल सकता है, न शांति मिल सकती है, न सत्य मिल सकता है। समाधि को समझ लेना इसीलिए बहुत उपयोरी है, क्योंकि समाधि उन थोड़ी सी बातों में से है, जिसे समझ लेना ही काफी नहीं है। उनमें से होकर गुजरें तो ही उसे समझ भी सकते हैं। जैसे कोई नदी के तट पर खड़ा हो और हम कहें कि आओ तुम्हें तैरना सिखा दें औ र वह कहे कि पहले मैं तैरना सीख लूं, तभी पानी में उतरूंगा। पहले मैं समझ लूं, F फर पानी में उतरूं । तो कोई तर्क उसका गलत न होगा-तीक कहता है वह। बिना तैरना जाने कोई पानी में उतरने को राजी भी कैसे होगा? लेकिन बहुत वरी कठिनाई है। कठिनाई तो है ही, सिखाने वाले वी भी कठिनाई है। 

    विना पानी में उतरे तैरना सिखाया कैसे जा सकता है? सिखाने वाला कहेगा कि उ तर आओ पहले, क्योंकि विना पानी में उतरे तैरना न सीख सकोगे। तो वह भी गल त नहीं कहता। और जिसे सीखना हो वह कहता है भयभीत हूं मैं, बिना तैरे उतरूंग नहीं-पहले तैरना सीख लूं, तब उतर सकता हूं। समाधि वी वात भी कुछ ऐसी ही है। समाधि में गिरे बिना कुछ भी पता नहीं चलत । लेकिन हम जानना चाहेंगे किनारे पर खड़े होकर कि क्या है समाधि? तव में इत ना ही कहने वी कोशिश करूंगा कि शब्द जो नहीं कह सकते हैं, जिसे कहने का को ई रास्ता नहीं है, वह है समाधि। सुना है मैंने-एक फवीर के पास कोई गया था। वह पूछने लगा था कि तुम समाधि वी बात कहते हो, ध्यान की बात करते हो, क्या है वह? मुझे समझाओ, बताओ। फवीर आंख खोले वेठा था, अब तत्काल आंख बंद कर ही। उस आदमी ने कहा, य ह भी खूब रहा। कम से कम आंख खोले थे, आंख तो खोलो? मैं जानने आया हूं। क समाधि क्या है? ध्यान क्या है? जिसवी दिन रात बात करते हो, कुछ तो बताअ..............


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