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    छलांग-बाहर—शरीर के, संसार के, समय के - ओशो

     
    Leap-out-of-the-body-of-the-world-of-time-Osho

       छलांग-बाहर—शरीर के, संसार के, समय के - ओशो 

    ध्यान में शरीर झूमता है तो भय न करना। वरन उसे आनंद से सहयोग देना। शरीर के साथ झूमो। मन को भी झूमने दो। और आत्मा को भी। झूमना नृत्य बन जाएगा। और नृत्य की अति में ही छलांग है। शरीर के बाहर—संसार के बाहर—समय के बाहर।

     - ओशो 

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