गहरे ध्यान के बाद जाति-स्मरण का प्रयोग - ओशो
गहरे ध्यान के बाद जाति-स्मरण का प्रयोग - ओशो
विगत जन्म की स्मृति में उतर सकते हो। लेकिन, उसके पूर्व गहरे ध्यान (डीप मेडिटेशन) का प्रयोग अति आवश्यक है। उसके बिना चेतना को पीछे लौटाना अत्यंत कठिन है। और यदि किसी भांति संभव भी हो तो खतरनाक भी। इसलिए, गहरे ध्यान के पूर्व में कोई सुझाव नहीं दे सकता हूं उसे कठोरता मत समझ लेना। ऐसा मैं करुणावश ही लिख रहा हूं। साधारण चित्त अतीत-जन्म की स्मृतियों की बाढ़ को झेलने में समर्थ नहीं है। इसलिए, प्रकृति उस द्वार को बंद कर देती है। और पूर्ण तैयारी के बिना प्रकृति के नियमों से खेल खेलना महंगा सिद्ध होता है।
- ओशो
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