• Latest Posts

    सजग होकर स्वप्न देखना—एक ध्यान - ओशो

    Conscious-Dreaming-A-Meditation-Osho


     सजग होकर स्वप्न देखना—एक ध्यान - ओशो 

    स्वप्न देखने को सचेतन रूप से ध्यान बनाओ। और, भलीभांति जानो कि सजग होकर स्वप्न देखना अवलोकन के नए द्वार खोलता है। लेट जाओ, विश्राम करो और स्वप्न देखो। पर सो नहीं जाना। भीतर सजग बने रहो। प्रतीक्षा करो और सतर्क रहो। मन में जो भी स्वप्न आए उसे देखो—क्योंकि स्वप्न में सारा संसार तुम्हारा है। जैसा तुम्हें भाए, स्वयं को स्वप्न में देखो। स्वप्न देखो और संतुष्ट हो जाओ। संतुष्ट अपने स्वप्नों से—क्योंकि वे तुम्हारे हैं और स्मरण रखो कि तुम्हारे स्वप्नों की भांति कुछ भी तुम्हारा नहीं हो सकता है क्योंकि तुम स्वयं भी एक स्वप्न-सत्ता हो। और इसलिए भी, क्योंकि तुम्हारे स्वप्न में ही तुम्हारी इच्छाएं वास्तविक होती हैं—सिर्फ तुम्हारे स्वप्नों में। लेकिन उनसे तादात्म्य मत करो। उनके साक्षी बनो। सजग रहो। और, तब, अचानक स्वप्न विलीन हो जाएगा। और, केवल तुम्हीं होओगे। और प्रकाश होगा।

     - ओशो 

    No comments