शिवनेत्र ध्यान - ओशो
शिवनेत्र ध्यान - ओशो
यह एक घंटे का ध्यान है और इसमें दस-दस मिनट के छह चरण हैं। साधकों के सामने जरा हटकर, थोड़ी ऊंचाई पर, एक नीले रंग का प्रकाश यानी बिजली का बल्ब जलता है, जो प्रकाश को घटाने-बढ़ाने वाले एक यंत्र के द्वारा, दस मिनट में तीन बार, बारी-बारी धीमा और तेज किया जाता है। उसके सहारे ही यह ध्यान संचालित होता है।
(प्रकाश को घटाने-बढ़ाने वाले यंत्र, डिमिंग स्विच, के साथ 300 वॉट का नीले रंग का प्रकाश इसके लिए आदर्श है, लेकिन साधारणतः नीले प्रकाश या मोमबत्ती से भी काम चलाया जा सकता है।)
पहला चरण
थिर बैठे। हल्के-हल्के, बिना आंखों में कोई तनाव लाए सामने जल रहे प्रकाश को देखें।
दूसरा चरण
आंखें बंद कर लें, और कमर से ऊपर के भाग को हौले-हौले दाएं से बाएं और बाएं से दाएं हिलाएं। और साथ ही साथ यह भी अनुभव करते रहें कि आपकी आंखों ने पहले चरण के समय जो प्रकाश पीया है, वह अब शिवनेत्र – यानी तीसरी आंख में प्रवेश कर रहा है।
यह सचमुच घटित होता है ।
दोनों चरणों को बारी-बारी तीन बार दोहराएं।
- ओशो
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