Osho Hindi Pdf- Aankhon Dekhi Sanch आँखों देखी सच
आँखों देखी सच जीवन वी खोज मेरे प्रिय आत्मन, मैं सोचता था, क्या आपसे कहूं? कौन सी आपवी खोज है? क्या जीवन में आप चा हते हैं? खयाल आया, उसी ...
आँखों देखी सच जीवन वी खोज मेरे प्रिय आत्मन, मैं सोचता था, क्या आपसे कहूं? कौन सी आपवी खोज है? क्या जीवन में आप चा हते हैं? खयाल आया, उसी ...
तमसो मा ज्योतिर्गमया तमसो मा ज्योतिर्गमय परम का विज्ञान सूरज डूबता है, और हम मान लेते हैं कि रात आ गई। वह मानना बड़ा झूठा है। ए क रात तो बाह...
संबोधि के क्षण मैं अकेला गाता रहूंगा मेरे प्रिय आत्मन, बहुत से प्रश्न मित्रों ने पूछे हैं। एक मित्र ने पूछा है कि मनुष्य को किसी न किसी प्रक...
संतो मगन भया मन मेरा प्रवेश से पूर्व '. . . एक और मित्र ने पूछा है। उन्होंने पूछा है कि अतीत में तो कोई बुद्धपुरुष दूस रे बुद्धपुरुषों ...
शून्य का दर्शन दृष्टि-परिवर्तन मेरे प्रिय आत्मन, धर्म के संबंध में कुछ आपसे कहूं, इससे पहले कि धर्म के संबंध में कुछ बात हो, य ह पूछ लेना जर...
शून्य समाधि मान्यताओं से मुक्ति मेरे प्रिय आत्मन, जैसे अंधेर में कोई अचानक दिया जला दे और जहां कुछ भी दिखाई न पड़ता हो व हां सभी कुछ दिखाई प...
टॉकिंग टू वर्कर्स वर्कर्स केंप, लोनावला प्रवचन : 1, दिनांक 23 दिसंबर, 1969 मेरे प्रिय आत्मन् कुछ बहुत जरूरी बातों पर विचार करने को हम यहां ...
समाधी के सप्त द्वार पहला प्रवचन स्रोतापन्न बन ध्यान-शिविर, आनंद-शिला, अंबरनाथ; रात्रि ९ फरवरी, हे उपाध्याय, निर्णय हो चुका है, मैं ज्ञान पान...
प्रभु मंदिर के द्वार १ समग्रता है द्वार मेरे प्रिय आत्मन, सुबह की चर्चा के संबंध में बहुत से प्रश्न मित्रों ने पूछे हैं। एक मित्र ने पूछा है...
बहुतेरे हैं घाट पहला प्रश्नः भगवान, आज आपके संबोधि दिवस उत्सव पर एक नयी प्रवचनमाला प्रारंभ हो रही है: बहुतेरे हैं घाट। भगवान, संत पलटू के इस...
चेतना के प्रतिक्रमण का रहस्य-सूत्र - ओशो अंधकार बाहर ही है। भीतर तो सदा ही आलोक है। ध्यान बहिर्गामी है तो रात्रि है। ध्यान अंतर्गामी बने तो...